Monday, August 24, 2009


एक कुंवारी लड़की की प्रार्थना : हे प्रभो, मैं अपने लिए कुछ नहीं मांगती, लेकिन कृपा करके मेरी मां को दामाद दे दो।''
''पिताजी, शादी में कितना खर्चा होता है ?'' ''पता नहीं बेटा, मैं तो आज तक चुका ही रहा हूं।''
मीना : मेरे पति को छोड़कर आज तक किसी और ने मेरा चुम्बन नहीं लिया। टीना : इसका तुम्हें गर्व है या पश्चाताप ?


अध्यापक (मंत्री-पुत्र से) : बताओ, सूखे और बाढ़ में क्या फर्क है ?मंत्री-पुत्र : जमीन आसमान का ! अध्यापक : वह कैसे ? मंत्री-पुत्र : सूखे में मेरे पापा जीप से दौरा करते हैं और बाढ़ में हेलिकॉप्टर से ।
पत्नी : सुनते हो, इस बार हम अपनी शादी की वर्षगांठ कैसे मनाएं ?पति : मेरा विचार है वर्षगांठ के दिन इस बार हम पांच मिनट का मौन रख लेंगे।
बस के गेट पर लटके हुए मुसाफिरों से कंडक्टर ने कहा : भाइयो, अंदर हो जाओ। इस तरह गेट पर लटकना आपकी जान के लिए खतरनाक है। लेकिन जब कोई भी अंदर न हुआ तो कंडक्टर गुस्से में बोला : तुम्हें तुम्हारी पत्नी की कसम अंदर हो जाओ! इतना सुनना था कि जो मुसाफिर सीटों पर बैठे थे वे भी गेट पर आकर लटक गए।


एक आलसी से मित्र ने कहा : सुना है, तुम फौज में भरती हो रहे हो ? आलसी : अरे नहीं, मुझे तो यह भी पता नहीं कि बंदूक का मुंह किधर रखकर चलाते हैं।मित्र : इसमें क्या है ? तुम बंदूक का मुंह किधर भी रखकर चलाओ, देश का भला ही करोगे।
संता : यार मेरे 5 साल के बेटे ने मेरी सारी कविताएं फाड़ डाली। बंता : बधाई हो, इतनी कम उम्र में तुम्हारा बेटा साहित्य का पारखी बन गया है।
फिल्म अभिनेताओं के दो बच्चे आपस में बात कर रहे थे। पहला : पता है, कल रात मेरे पापा मेरे लिए एक नई मम्मी लेकर आए। वो बहुत अच्छी है।दूसरा : जानता हूं। पिछले साल वो मेरी मम्मी रह चुकी है।


सास, बहू से - बहू, तुम्हें बाहर कहीं भी जाते समय हमेशा घूंघट कर लेना चाहिए। तुम तो जवान हो, मुझे देखो मैं तो बूढ़ी होकर भी गैर मर्दों के सामने घूंघट करती हूं।आधुनिक बहू : ठीक है सासूजी, मैं भी जब आप की उम्र की होऊंगी तो चेहरे की झुर्रियों को छुपाने के लिए घूंघट जरूर किया करूंगी।
तीन कैदी जेल में बैठकर अपने-अपने अनुभव बता रहे थे। पहला : मैं पिछले चुनाव में एक राष्ट्रीय दल के उम्मीदवार सखाराम का जोरदार समर्थन करने के जुर्म में यहां हूं। दूसरा : और मैं उसी सखाराम का विरोध करने के कारण जेल की हवा खा रहा हूं। तीसरा : बहुत खूब, और सखाराम मैं खुद हूं।
Sent by: manish4balaji@gmail.com
राम : क्या आप ने ही कल मेरे लड़के को डूबने से बचाया था ?श्याम : हां, मगर अब उस बारे में मेरी तारीफ करके मुझे शर्मिन्दा मत कीजिये । राम : अजी करूं क्यों नहीं ? बताइये उस लड़के की टोपी कहां है ?


नारी उध्दारक नेता : स्त्री को अबला कहना स्त्री का अपमान है। श्रोता : तो आप एक बार बला कहकर देख लीजिये।
ड्राइवर : पेट्रोल खत्म हो गई सेठजी! अब गाड़ी आगे नही जा पायेगी। सेठजी : तो पीछे लौटाकर घर ले चलो।
डॉक्टर (बेहोश मरीज को देखकर) : यह तो मर गया है। मरीज (होश में आकर) : मैं तो जीवित हूं। मरीज की पत्नी (मरीज पति से) : कुछ तो सोच समझकर बोला कीजिये। इतने बड़े डॉक्टर हैं, झूठ बोलेंगे क्या

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